धर्मी ग्रहणयोग्य बात समझ कर बोलता है, परन्तु दुष्टों के मुंह से उलट फेर की बातें निकलती हैं॥
संबंधित विषय
सत्य
वह जो खराई से...
धर्म
जो धर्म और कृपा...
बोला जा रहा है
जीभ के वश में...
लेटा हुआ
झूठों से यहोवा को...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...