और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है।
संबंधित विषय
विश्वास
तू अपनी समझ का...
प्रार्थना
सदा आनन्दित रहो। निरन्तर...
सुनना
हे मेरे प्रिय भाइयो...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...