सो जब तुम बुरे होकर अपने लड़के-बालों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा॥
संबंधित विषय
आत्माओं
प्रभु तो आत्मा है...
प्रार्थना
सदा आनन्दित रहो। निरन्तर...
परिवार
और ये आज्ञाएं जो...
उदारता
उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट...
पवित्र आत्मा
प्रभु तो आत्मा है...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...