और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्ड न करने पाए।
संबंधित विषय
विनम्रता
अर्थात सारी दीनता और...
कॉलिंग
तुम ने मुझे नहीं...
दुनिया
तुम न तो संसार...
गर्व
जब अभिमान होता, तब...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...