सो सारे यहूदिया, और गलील, और समरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती जाती थी॥
संबंधित विषय
गिरजाघर
और प्रेम, और भले...
शांति
यहोवा तुझे आशीष दे...
भय
यहोवा का भय मानना...
पवित्र आत्मा
प्रभु तो आत्मा है...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...