![2 कुरिन्थियों 8:12 - HHBD](/images/simple/hhbd/2-corinthians-8-12.png)
क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।
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