क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
संबंधित विषय
सुंदर
इसलिये आओ, हम अनुग्रह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...
मन
पृथ्वी पर की नहीं...
विचार
हे ईश्वर, मुझे जांच...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...