जैसे लोहा लोहे को चमका देता है, वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।
संबंधित विषय
दोस्ती
मित्र सब समयों में...
रिश्तों
यदि कोई अकेले पर...
मन
पृथ्वी पर की नहीं...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...