![भजन संहिता 37:21 - HHBD](/images/simple/hhbd/psalms-37-21.png)
दुष्ट ऋण लेता है, और भरता नहीं परन्तु धर्मीं अनुग्रह करके दान देता है।
संबंधित विषय
ऋण
दुष्ट ऋण लेता है...
पैसे
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो...
धर्म
जो धर्म और कृपा...
दे रही है
हर एक जन जैसा...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...