परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं॥
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। मेरा पिता, जिस ने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता। मैं और पिता एक हैं।