क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है॥

संबंधित विषय
पैसे
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो...
बुराई
बुराई से न हारो...
लालच
जो रूपये से प्रीति...
अरमान
पर मैं कहता हूं...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...
मूर्तियों
हे बालको, अपने आप...