परन्तु चुंगी लेने वाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आंखें उठाना भी न चाहा, वरन अपनी छाती पीट-पीटकर कहा; हे परमेश्वर मुझ पापी पर दया कर।

संबंधित विषय
पछतावा
तब यदि मेरी प्रजा...
परिवर्तन
तब यदि मेरी प्रजा...
विनम्रता
अर्थात सारी दीनता और...
सुंदर
इसलिये आओ, हम अनुग्रह...
पाप
क्या तुम नहीं जानते...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...