जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।

संबंधित विषय
पाप
क्या तुम नहीं जानते...
धर्म
जो धर्म और कृपा...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...
परिवार
और ये आज्ञाएं जो...