मूढ़ की रिस उसी दिन प्रगट हो जाती है, परन्तु चतुर अपमान को छिपा रखता है।

संबंधित विषय
क्रोध
क्रोध तो करो, पर...
आत्म - संयम
जिसकी आत्मा वश में...
बुद्धि
क्योंकि बुद्धि यहोवा ही...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...