मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी? मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है॥

संबंधित विषय
सृष्टि
आदि में परमेश्वर ने...
प्रोत्साहन
परन्तु जो यहोवा की...
निर्भरता
क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...