- क्योंकि देशों के लोगों की रीतियां तो निकम्मी हैं। मूरत तो वन में से किसी का काटा हुआ काठ है जिसे कारीगर ने बसूले से बनाया है। लोग उसको सोने-चान्दी से सजाते और हयैड़े से कील ठोंक ठोंककर दृढ़ करते हैं कि वह हिल-डुल न सके। वे खरादकर ताड़ के पेड़ के समान गोल बनाईं जाती हैं, पर बोल नहीं सकतीं; उन्हें उठाए फिरना पड़ता है, क्योंकि वे चल नहीं सकतीं। उन से मत डरो, क्योंकि, न तो वे कुछ बुरा कर सकती हैं और न कुछ भला।
संबंधित विषय
मूर्तियों
हे बालको, अपने आप...
डर
मत डर, क्योंकि मैं...
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...
परिवार
और ये आज्ञाएं जो...