परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥