हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है।
किसी रीति से किसी के धोखे में न आना क्योंकि वह दिन न आएगा, जब तक धर्म का त्याग न हो ले, और वह पाप का पुरूष अर्थात विनाश का पुत्र प्रगट न हो। जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आप को बड़ा ठहराता है, यहां तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रगट करता है।