- 1 शमूएल 1
- 1 शमूएल 2
- 1 शमूएल 3
- 1 शमूएल 4
- 1 शमूएल 5
- 1 शमूएल 6
- 1 शमूएल 7
- 1 शमूएल 8
- 1 शमूएल 9
- 1 शमूएल 10
- 1 शमूएल 11
- 1 शमूएल 12
- 1 शमूएल 13
- 1 शमूएल 14
- 1 शमूएल 15
- 1 शमूएल 16
- 1 शमूएल 17
- 1 शमूएल 18
- 1 शमूएल 19
- 1 शमूएल 20
- 1 शमूएल 21
- 1 शमूएल 22
- 1 शमूएल 23
- 1 शमूएल 24
- 1 शमूएल 25
- 1 शमूएल 26
- 1 शमूएल 27
- 1 शमूएल 28
- 1 शमूएल 29
- 1 शमूएल 30
- 1 शमूएल 31
- यहोवा के तुल्य कोई पवित्र नहीं, क्योंकि तुझ को छोड़ और कोई है ही नहीं; और हमारे परमेश्वर के समान कोई चट्टान नहीं है॥
- परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके रूप पर दृष्टि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।
- यहोवा निर्धन करता है और धनी भी बनाता है, वही नीचा करता और ऊंचा भी करता है।
- केवल इतना हो कि तुम लोग यहोवा का भय मानो, और सच्चाई से अपने सम्पूर्ण मान के साथ उसकी उपासना करो; क्योंकि यह तो सोचो कि उसने तुम्हारे लिये कैसे बड़े बड़े काम किए हैं।
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