DailyVerses.netविषययादृच्छिक पद्यसदस्यता लेने के

पड़ोसी (2/3)

  • खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना, न तो विधवा पर अन्धेर करना, न अनाथों पर, न परदेशी पर, और न दीन जन पर; और न अपने अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना करना।
  • पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
  • हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।
  • क्योंकि यदि उन में से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा; परन्तु हाय उस पर जो अकेला हो कर गिरे और उसका कोई उठाने वाला न हो।
  • और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
  • और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ। और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति। और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।
  • हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उस ने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
  • जैसा तुम्हारा पिता दयावन्त है, वैसे ही तुम भी दयावन्त बनो।
  • इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो।
  • जो तेरा और तेरे पिता का भी मित्र हो उसे न छोड़ना; और अपनी विपत्ति के दिन अपने भाई के घर न जाना। प्रेम करने वाला पड़ोसी, दूर रहने वाले भाई से कहीं उत्तम है।
  • जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।
  • तब पतरस ने पास आकर, उस से कहा, हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे क्षमा करूं, क्या सात बार तक? यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से यह नहीं कहता, कि सात बार, वरन सात बार के सत्तर गुने तक।
  • परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है।
  • जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहने वालों का जुआ तोड़कर उन को छुड़ा लेना, और, सब जुओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?
  • उठ, हे यहोवा; हे ईश्वर, अपना हाथ बढ़ा; और दीनों को न भूल।
  • कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, दीन दरिद्र का विचार धर्म से करो।
  • यदि मैं ने प्रभु और गुरू होकर तुम्हारे पांव धोए; तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए।
  • हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए।
  • उस ने उन्हें उतर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।
  • व्यवस्था देने वाला और हाकिम तो एक ही है, जिसे बचाने और नाश करने की सामर्थ है; तू कौन है, जो अपने पड़ोसी पर दोष लगाता है?
  • तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी, वा बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना॥
  • परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
  • उन विधवाओं का जो सचमुच विधवा हैं आदर कर।
  • तब में ने सब परिश्रम के काम और सब सफल कामों को देखा जो लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते हैं। यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है॥
  • सो बन्दीगृह में पतरस की रखवाली हो रही थी; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी।

और उस से सारे मन और सारी बुद्धि और सारे प्राण और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना और पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना, सारे होमों और बलिदानों से बढ़कर है।
अधिक पढ़ें...

दिन की बाइबिल कविता

जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है।

दैनिक बाइबिल पद्य प्राप्त करें:

दैनिक अधिसूचनाईमेलFacebookAndroid-appआपकी वेबसाइट पर

रैंडम बाइबिल पद्य

पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।अगला श्लोक!

DailyVerses.net का समर्थन करें

मुझे परमेश्वर के वचन को फैलाने में मदद करें:
दान देना