मंगलवार, 31 मई 2022
क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है; ज्ञान और समझ की बातें उसी के मुंह से निकलती हैं।सोमवार, 30 मई 2022
तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।रविवार, 29 मई 2022
यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।शनिवार, 28 मई 2022
आओ हम झुक कर दण्डवत करें, और अपने कर्ता यहोवा के साम्हने घुटने टेकें!शुक्रवार, 27 मई 2022
इस कारण, हे यहोवा परमेश्वर, तू महान् है; क्योंकि जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तुल्य कोई नहीं, और न तुझे छोड़ कोई और परमेश्वर है।गुरुवार, 26 मई 2022
मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।बुधवार, 25 मई 2022
वह न्याय के पथों की देख भाल करता, और अपने भक्तों के मार्ग की रक्षा करता है।मंगलवार, 24 मई 2022
क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा।सोमवार, 23 मई 2022
परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं॥रविवार, 22 मई 2022
परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।शनिवार, 21 मई 2022
फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए।शुक्रवार, 20 मई 2022
और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।गुरुवार, 19 मई 2022
अर्थात व्यर्थ और झूठी बात मुझ से दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर।बुधवार, 18 मई 2022
अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो।मंगलवार, 17 मई 2022
हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे।सोमवार, 16 मई 2022
जब मैं ने कहा, कि मेरा पांव फिसलने लगा है, तब हे यहोवा, तेरी करूणा ने मुझे थाम लिया।रविवार, 15 मई 2022
पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ।शनिवार, 14 मई 2022
क्योंकि परमेश्वर-भक्ति का शोक ऐसा पश्चाताप उत्पन्न करता है जिस का परिणाम उद्धार है और फिर उस से पछताना नहीं पड़ता: परन्तु संसारी शोक मृत्यु उत्पन्न करता है।शुक्रवार, 13 मई 2022
क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है।गुरुवार, 12 मई 2022
तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी, वा बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना॥बुधवार, 11 मई 2022
क्योंकि प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है; कि मैने तुझे अन्याजातियों के लिये ज्योति ठहराया है; ताकि तू पृथ्वी की छोर तक उद्धार का द्वार हो।मंगलवार, 10 मई 2022
जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है।सोमवार, 9 मई 2022
देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उस ने उसे भी नहीं जाना।रविवार, 8 मई 2022
तू अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जिस से जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में तू बहुत दिन तक रहने पाए॥शनिवार, 7 मई 2022
नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है।शुक्रवार, 6 मई 2022
और प्रभु ऐसा करे, कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं; वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में, और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए।गुरुवार, 5 मई 2022
उस ने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा।बुधवार, 4 मई 2022
यहोवा अन्धों को आंखें देता है। यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है; यहोवा धर्मियों से प्रेम रखता है।मंगलवार, 3 मई 2022
तो उस ने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ।सोमवार, 2 मई 2022
और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार कर के पहुंचाएगा: उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन॥रविवार, 1 मई 2022
कामकाजी लोग प्रभुता करते हैं, परन्तु आलसी बेगारी में पकड़े जाते हैं।संबंधित विषय
प्यार
प्रेम धीरजवन्त है, और...
आशा
क्योंकि यहोवा की यह...
श्रद्धा
इसलिये मैं तुम से...
परिवार
और ये आज्ञाएं जो...
पूजा करना
हे यहोवा, तू मेरा...
प्रार्थना
सदा आनन्दित रहो। निरन्तर...