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संग्रहालय (जनवरी 2016)

रविवार, 31 जनवरी 2016

आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।

शनिवार, 30 जनवरी 2016

कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म मृत्यु से भी बचाता है।

शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में।

गुरुवार, 28 जनवरी 2016

और वे प्रति दिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे। और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उन से प्रसन्न थे: और जो उद्धार पाते थे, उन को प्रभु प्रति दिन उन में मिला देता था॥

बुधवार, 27 जनवरी 2016

जब मैं तेरा भजन गाऊंगा, तब अपने मुंह से और अपने प्राण से भी जो तू ने बचा लिया है, जयजयकार करूंगा।

मंगलवार, 26 जनवरी 2016

क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

सोमवार, 25 जनवरी 2016

परन्तु व्यभिचार के डर से हर एक पुरूष की पत्नी, और हर एक स्त्री का पति हो।

रविवार, 24 जनवरी 2016

जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना॥

शनिवार, 23 जनवरी 2016

इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो।

शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

सो जब कि मसीह ने शरीर में होकर दुख उठाया तो तुम भी उस ही मनसा को धारण करके हथियार बान्ध लो क्योंकि जिसने शरीर में दुख उठाया, वह पाप से छूट गया।

गुरुवार, 21 जनवरी 2016

हे यहोवा मेरी प्रार्थना सुन; मेरे गिड़गिड़ाने की ओर कान लगा! तू जो सच्चा और धर्मी है, सो मेरी सुन ले।

बुधवार, 20 जनवरी 2016

और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊं।

मंगलवार, 19 जनवरी 2016

यीशु ने उस से कहा, क्या मैं ने तुझ से न कहा था कि यदि तू विश्वास करेगी, तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी।

सोमवार, 18 जनवरी 2016

जो आकाश में अपनी कोठरियां बनाता, और अपने आकाशमण्डल की नेव पृथ्वी पर डालता, और समुद्र का जल घरती पर बहा देता है, उसी का नाम यहोवा है॥

रविवार, 17 जनवरी 2016

और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उस में उसने अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम से विश्राम लिया।

शनिवार, 16 जनवरी 2016

सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!

गुरुवार, 14 जनवरी 2016

जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग।

बुधवार, 13 जनवरी 2016

और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।

मंगलवार, 12 जनवरी 2016

क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दाहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उन को चाहता था॥

सोमवार, 11 जनवरी 2016

और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं।

रविवार, 10 जनवरी 2016

क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।

शनिवार, 9 जनवरी 2016

जैसे तू वायु के चलने का मार्ग नहीं जानता और किस रीति से गर्भवती के पेट में हड्डियां बढ़ती हैं, वैसे ही तू परमेश्वर का काम नहीं जानता जो सब कुछ करता है॥

शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।

गुरुवार, 7 जनवरी 2016

धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।

बुधवार, 6 जनवरी 2016

उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट हो जाता है, और जो औरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।

मंगलवार, 5 जनवरी 2016

हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।

सोमवार, 4 जनवरी 2016

दया और शान्ति और प्रेम तुम्हें बहुतायत से प्राप्त होता रहे॥

रविवार, 3 जनवरी 2016

यहोवा अपनी सब गति में धर्मी और अपने सब कामों में करूणामय है।

शनिवार, 2 जनवरी 2016

मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो।

शुक्रवार, 1 जनवरी 2016

क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।

दिन की बाइबिल कविता

विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर के जीत लेने से उत्तम है।

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रैंडम बाइबिल पद्य

हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है।अगला श्लोक!

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