हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं।
हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है। और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं।
उस ने उन से कहा, अपने विश्वास की घटी के कारण: क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो इस पहाड़ से कह स को गे, कि यहां से सरककर वहां चला जा, तो वह चला जाएगा; और कोई बात तुम्हारे लिये अन्होनी न होगी।
कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।
चाहे पहाड़ हट जाएं और पहाडिय़ां टल जाएं, तौभी मेरी करूणा तुझ पर से कभी न हटेगी, और मेरी शान्तिदायक वाचा न टलेगी, यहोवा, जो तुझ पर दया करता है, उसका यही वचन है॥
मैं तुम से सच कहता हूं कि जो कोई इस पहाड़ से कहे; कि तू उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़, और अपने मन में सन्देह न करे, वरन प्रतीति करे, कि जो कहता हूं वह हो जाएगा, तो उसके लिये वही होगा।